Considerations To Know About shiv chalisa lyricsl
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कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
अर्थ- हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।
माँ री माँ वो डमरू वाला, तन पे पहने मृग की छाला।
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
अर्थ- हे गिरिजा पति हे, दीन shiv chalisa in hindi हीन पर दया बरसाने वाले भगवान शिव आपकी जय हो, आप सदा संतो के प्रतिपालक रहे हैं। आपके मस्तक पर छोटा सा चंद्रमा शोभायमान है, आपने कानों में नागफनी के कुंडल डाल रखें हैं।
मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥